स्त्री की सुंदरता पर शायरी
स्त्रियों की सुंदरता और उनके हुस्न की तारीफ करना किसी कला से कम नहीं। जब दिल से निकली हुई तारीफ शायरी किसी लड़की को सुनाई जाती है
स्त्री की सुंदरता पर शायरी
तुम हो तो गुलशन में बहार रहती है, तुमसे हर बात में मिठास रहती है।
स्त्री की सुंदरता पर शायरी
तेरी खूबसूरती का क्या बयां करूं, हर कोई तुझे देख कर मुस्करा दे।
स्त्री की सुंदरता पर शायरी
जब भी तेरी तारीफ करने बैठता हूँ, लफ्ज़ कम पड़ जाते हैं मगर चाहत नहीं।
स्त्री की सुंदरता पर शायरी
तेरे बिना ये दुनिया अधूरी सी लगती है, तेरी मुस्कान से ही हर खुशी खिलती है।
स्त्री की सुंदरता पर शायरी
तेरा नूर तो चाँद से भी ज्यादा रोशन है, मेरी दुनिया तुझसे ही गुलजार है।
स्त्री की सुंदरता पर शायरी
तेरी जुल्फों का बादल जब छा जाता है, मेरा दिल बस तुझमें ही खो जाता है।
स्त्री की सुंदरता पर शायरी
तेरी मासूमियत ने जो जादू किया, मैं खुद को भी भूल गया।
स्त्री की सुंदरता पर शायरी
जब तुझे देखूं तो खुद को भूल जाऊं, तेरा दीदार ही मेरी इबादत बन जाए।
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स्त्री की सुंदरता पर शायरी
हुस्न तेरा मोती से ज्यादा निखरा लगे, तेरा नाम भी मेरे दिल को प्यारा लगे।
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